नमस्कार दोस्तों आप सबही का स्वागत है आज के इस ब्लॉग पोस्ट मैं तो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट के जरिए हम आपको बताने वाले है म्यूचूअल फंड के बारे मैं आपने कभी न कभी या कही न कहीं म्यूचूअल फंड की बातें या फिर म्यूचूअल फंड के ऐड्वर्टाइज़िंग तो जरूर ही देखे होंगे तो आपके दिमाग मैं भी यह सवाल तो आया ही होगा की आखिर यह म्यूचूअल फंड है क्या ओर इससे क्या होता है तो ऐसे बोहोत से सवाल के जबाब आपको आज के इसी आर्टिकल मैं देने वाला हूँ ओर आपसे वादा करता हूँ की इस आर्टिकल के बाद आपको म्यूचूअल फंड से जुड़ी कोई भी ब्लॉग पोस्ट नहीं पढ़नी पड़ेगी तो चलिए शुरू करते है आज की जानकारी के साथ |
म्यूचूअल फंड क्या होता है ?
तो चलिए सबसे पहले समझ लेते है की म्यूचूअल फंड होता क्या है तो दोस्तों म्यूचूअल फंड एक ऐसी कंपनी होती है जो की छोटे छोटे इन्वेस्ट करने वाले ओर भी अलग अलग लोगों से पैसा कालेक्ट करती है ओर उस पैसे को कॉम्पनी शेयर मैं बॉन्ड मैं ओर भी financial assets मैं लगाती है ओर दोस्तों इन कंपनी की मिलित holding stocks bonds या फिर ओर भी assets को उस कॉम्पनी का पोर्टफोलियो कहा जाता है हर एक म्यूचूअल फंड की देख रेख एक assets manager करता है |
ओर दोस्तों अगर आप भी अपने पैसे को इन्वेस्ट करना चहाते है तो आप मुटुआल फंड मैं इन्वेस्ट कर सकते है म्यूचूअल फंड पैसे कमाने का एक बोहोत आसान रास्ता है ओर इस मैं ऐसा नहीं की आपके पास 50,000 रुपये ही होने चाहिए या फिर 10,000 होने चाहिए नहीं आप म्यूचूअल फंड मैं 500 रुपये हर महीने की दर पर इन्वेस्ट कर सकते है |
आईए इसको ओर समझते है की म्यूचूअल फंड अलग अलग इन्वेस्ट करने वालों से पैसा कालेक्ट करके एक फंड मैं इन्वेस्ट करने का ही एक तरीका होता है इस फंड की हमेशा देख रेख एक अससेट्स मैनेजर के जरिए होती है जो की अलग अलग लोगों से लिए गए पैसों को STOCK MARKET मैं BONDS मैं ओर भी कुछ ASSETS होते है जिन मैं निवेश करते है जिसने भी म्यूचूअल फंड मैं इन्वेस्ट करा होता है उसे एक यूनिट allotted कर दिए जाते है इस यूनिट को NAV कहते है |
अगर ओर भी आसान भाषा मैं समझे तो जो म्यूचूअल फंड है बो बोहोत सारे लोगों के पैसे से बना हुआ एक फंड होता है जिस पैसे को अलग अलग जगह इन्वेस्ट करने के लिए इस्तेमाल करते है ओर कोसिस यह रही जाती है की जिसने जितना भी पैसा म्यूचूअल फंड मैं इन्वेस्ट कर है उसके पैसे से ज्यादा उसको मुनाफा या प्रॉफ़िट दिया जाए आशा करता हूँ यहाँ तक आप समझ ही गए होंगे की आखिर म्यूचूअल फंड क्या होता है |
professional fund मैनेजर कौन होता है ?
तो दोस्तों जब भी हम कही भी पैसा लगते है या फिर इन्वेस्ट करते है तो सोचते ही है की इस पैसे को इस्तेमाल करने वाला कौन है क्या यह पैसा डूब तो नहीं जाएगा तो दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बात दें की इस फंड को managed करने का काम एक professional फंड मैनेजर का होता है प्रोफेशनल फंड मैनेजर का काम म्यूचूअल फंड की देख रेख करना ओर जो पैसा है उसे सही जगह लगा के उससे अधिक प्रॉफ़िट बना के देने का होता है|
म्यूचूअल फंड कब शुरू हुआ ?
भारतीय रेसर्व बैंक मतलब की RBI ओर भारत सरकार के पहल मैं भारत पर यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के गठन के साथ भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग 1963 में शुरू हुआ था।
इसका मुख्य उद्देश्य था छोटे निवेशकों को आकर्षित करना और उन्हें निवेश तथा बाजार से सम्बंधित विषयों से अवगत कराना।
UTI का गठन संसद के एक अधिनियम के तहत 1963 में किया गया था. इसकी स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा की गयी थी. और शुरूआती समय में इसने RBI के अंतर्गत काम किया।
1978 में UTI को RBI से अलग कर दिया गया. भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) को आरबीआई के स्थान पर विनियामक (Regulatory) और प्रशासनिक नियंत्रण (Administrative control) का अधिकार मिला. और UTI ने इसके अंतर्गत काम करना शुरू किया ।
भारत में Mutual Funds के विकाश को कई चरणों में बांटा जा सकता है. जैसे की पहला चरण 1964 से 1987 तक का था जिसमे UTI के पास 6700Cr ₹ का fund आ चूका था।
म्यूचुअल फंड के प्रकार
इक्विटी फंड | Equity Fund
Equity mutual funds का ज्यादातर पैसा shares में लगाया जाता है। ऐसी schemes के fund manager को कम से कम 65% परसेंट रकम शेयर में ही लगानी होती है। बाकी बचे पैसे को वो बॉन्ड या फिर बैंक में रख सकता है। अब चूंकि equity mutual fund को शेयरों में निवेश किया जाता है। तो इनका return भी share market के हिसाब से मिलता है। यानी कमाई की सबसे ज्यादा संभावना होती है लेकिन रिस्क भी इसमें ज्यादा होता है।
Equity fund से होने वाली Income पर long term capital gains tax नहीं लगता है, जबकि short-term capital gain को आपकी Income में जोड़कर tax calculation में शामिल करते हैं।
डेट फंड | Debt Fund
इस प्रकार के mutual fund की रकम को मुख्य रूप से bonds और corporate fixed deposit में निवेश किया जाता है। किसी debt mutual fund के साथ यह अनिवार्य शर्त होती है कि उसका कम से कम 65 प्रतिशत पैसा बॉन्ड या बैंक डिपॉजिट में लगाया जाए। उदाहरण के लिए government bonds, company bonds, corporate fixed deposits और bank deposits वगैरह। बाकी रकम को equity यानी शेयरों में लगाया जा सकता है।
अब चूंकि debt funds को fixed return देने वाले बॉन्ड में लगाया जाता है, इसलिए इनमें risk भी तुलनात्मक रूप से कम होता है। ले किन इनसे आपको जबर्दस्त फायदे की भी उम्मीद नहीं करनी चाहिए। वैसे अच्छे debt funds आपको bank fixed deposits की अपेक्षा बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।
अगर आप अपने debt fund को 3 साल बाद भुनाते हैं तो इस पर आपको long term capital gains tax चुकाना पड़ता है। इस long term capital gains tax की दर बिना indexation के 10 प्रतिशत होगी और indexation के साथ 20 प्रतिशत।
अगर आप 3 साल के पहले अपनी debt mutual fund units को बेच देते हैं तो इससे हुई आमदनी पर आपको short-term capital gains tax चुकाना पड़ेगा। इस short-term capital gain को आपकी कुल आमदनी में जोड़ा जाएगा और फिर आपके Tax Slab के हिसाब से Tax की गणना होगी।
म्युचुअल फंड सही है या गलत?
म्युचुअल फंड सही या ग़लत सीधे तरीक़े से कह पाना आसान नहीं है। क्यूँकि सभी चीजों के दो पहलू होते हैं, लेकिन हाँ म्युचुअल फंड के पक्ष में ज़्यादा अच्छे मत है लोगों के। वहीं आपको जब भी म्युचुअल फंड में निवेश करने की बारी आएगी तब वहाँ पर आपको ये समझना होगा आप उतना ही पैसा निवेश करें जितनी आपकी क्षमता हो।
साथ में हमेशा खुद की रीसर्च करें किसी भी म्यूचूअल फंड में निवेश करने से पहले। किसी के बहकावे में आकार निवेश न करें।
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करे?
वैसे तो Market में आपको ऐसे कई सारे Android App मिल जायेंगे जिनका इस्तमाल कर आप आसानी से Mutual Fund में invest कर सकते हैं. उनमें कुछ ख़ास हैं जैसे की Groww, MyCams, InvesTap, KTrack Mobile App, IPRUTouch App इत्यादि।
वहीँ मेरी सलाह माने तो आप Groww Mutual Fund App का इस्तमाल कर सकते हैं. क्यूंकि मैं बहुत समय से इस app का इस्तमाल कर रहा हूँ और मुझे अभी तक भी कोई दिक्कत नहीं हुई है।
म्यूचुअल फंड के फायदे
Professional Management
आपके द्वारा म्यूच्यूअल फंड्स में लगाया गया पैसा म्यूच्यूअल फंड्स विशेषज्ञों द्वारा उनके अनुभव और उनके हुनर के साथ manage किया जाता है।
Variety
Mutual Funds में आज हर तरह के व्यक्ति के लिए कुछ न कुछ है. ज्यादा रिटर्न्स की चाहा रखने वालो के लिए ज्यादा रिटर्न्स वाले, अधिकतम सुरक्षित निवेश की इच्छा रखने वालो के लिए अधिकतम सुरक्षित फंड्स से लेकर हर तरह के फंड्स मौजूद है।
Affordable
बड़ी कंपनियों के शेयर की कीमत काफी ज्यादा होती है. बहुत बार आप उन कंपनियों में पैसा लगाना चाहते है पर आपका बजट कम होने की वजह से आप ऐसा नहीं कर पाते. जबकि Mutual Funds में बहुत सारे लोगों का पैसा एक साथ होता है तो आपके पैसे से बड़ी कंपनियों में निवेश किया जाता है।
तो आशा करते ही की आज का यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा अगर याचा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि उन्हे भी जानकारी मिलने पाए |