Santan Saptami 2024 Vrat: तिथि, कथा और पूजा विधि

Santan Saptami व्रत का महत्व

Santan Saptami 2024 व्रत हिन्दू धर्म में संतान प्राप्ति और उनकी दीर्घायु के लिए किया जाने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है। इस व्रत को करने से संतान के अच्छे स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और जीवन में उन्नति का आशीर्वाद मिलता है। जो महिलाएं इस व्रत को करती हैं, उन्हें संतान के दीर्घायु और उनके कल्याण का वरदान प्राप्त होता है।

Santan Saptami 2024 की तिथि और समय

Santan Saptami 2024 Vrat में 9 सितंबर को मनाई जाएगी। यह व्रत भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को किया जाता है। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र और सुरक्षा के लिए उपवास रखती हैं और विशेष पूजा-अर्चना करती हैं।

सप्तमी तिथि प्रारंभ: 9 सितंबर 2024, सुबह 5:45 बजे
सप्तमी तिथि समाप्त: 10 सितंबर 2024, सुबह 6:30 बजे

Santan Saptami व्रत कथा

एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक ब्राह्मणी ने संतान प्राप्ति की कामना से Santan Saptami का व्रत किया था। इस व्रत के प्रभाव से उसे एक तेजस्वी और स्वस्थ पुत्र की प्राप्ति हुई। यह कथा बताती है कि जो महिलाएं इस व्रत को श्रद्धा और भक्ति के साथ करती हैं, उन्हें संतान सुख मिलता है और उनके बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

Santan Saptami 2024 पूजा विधि

इस व्रत की पूजा विधि सरल होती है, लेकिन इसका महत्व बहुत अधिक है। इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं और संतान की दीर्घायु और सुखद भविष्य के लिए पूजा करती हैं। पूजा विधि निम्नलिखित है:

  1. स्नान और शुद्धिकरण: प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा की तैयारी करें।
  2. पूजा स्थल की तैयारी: पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और चौक बनाएं।
  3. देवी की स्थापना: देवी संतानगौरी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  4. पूजन सामग्री: रोली, अक्षत, फूल, धूप, दीप, और जल लेकर देवी का पूजन करें।
  5. संतान की सुरक्षा की प्रार्थना: देवी से संतान की दीर्घायु और सुरक्षा की प्रार्थना करें।
  6. व्रत कथा सुनें: व्रत के दौरान Santan Saptami की कथा सुनना अनिवार्य माना गया है।
  7. आरती और प्रसाद: देवी की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

व्रत का पालन कैसे करें

Santan Saptami के दिन उपवास रखकर संतान की भलाई और उन्नति के लिए पूजा की जाती है। इस व्रत का पालन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

क्या करें:

  • पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ पूजा करें।
  • देवी को फल-फूल, अक्षत और जल अर्पित करें।
  • संतान के कल्याण के लिए विशेष प्रार्थना करें।

क्या न करें:

  • अपवित्र स्थान पर पूजा न करें।
  • पूजा के दौरान क्रोध और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
  • किसी की निंदा या अपशब्द का प्रयोग न करें।

व्रत के लाभ

Santan Saptami व्रत करने से महिलाओं को संतान सुख प्राप्त होता है। इसके अलावा, इस व्रत के प्रभाव से संतान का जीवन सुरक्षित रहता है, और उनका स्वास्थ्य उत्तम रहता है। यह व्रत न केवल संतान के लिए बल्कि परिवार के समस्त कल्याण के लिए भी किया जाता है।

Santan Saptami का वैज्ञानिक दृष्टिकोण

व्रत और उपवास न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उपवास से शरीर की शुद्धि होती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। Santan Saptami का व्रत भी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।

Santan Saptami व्रत का पालन संतान की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। यह व्रत उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है, जो संतान सुख की प्राप्ति की कामना करती हैं।

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