ETF INVESTING क्या होती है ? जाने पूरी जानकारी
नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है आज की इस आर्टिकल मैं तो दोस्तों आज आपको इस आर्टिकल के जरिए आज हम आपको बताने वाले है ETF INVESTING के बारे मैं आखिर क्या होती है ETF INVESTING, ETF INVESTING हमे क्यूँ करनी चाहिए इस मैं कितना रिस्क रहता है कैसे करनी चाहिए पूरी जानकारी आज के इस आर्टिकल के जरिए आप लोगों को मिलने वाली है तो इसी लिए आज के इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पड़ें क्यूंकी आज का आर्टिकल आप लोगों के लिए बोहोत खास ओर जानकारी से भरा होने वाला है तो चलिए समझते है की आखिर क्या है etf investing.
तो दोस्तों etf को समझने से पहले एक बार हम म्यूचूअल फंड ओर इंडेक्स फंड को समझ लेते है जिससे की हमे etf को समझने मैं भी काफी आसानी होगी तो चलिए समझते है की म्यूचूअल फंड क्या है ?
म्यूचूअल फंड क्या है
तो दोस्तों बोहोत सारे लोग बसिकीली एक कॉम्पनी को अपने पैसे देते है जो की कोई 100 रुपये देता है कोई 500 रुपये इस हिसाब से सारे लोग एक कॉम्पनी को पैसे देते है ओर उन कॉम्पनी वालों के पास बोहोत से एक्सपर्ट होते है ओर बो सब एक्सपर्ट टीम हमारे लिए जो हमने पैसे दिए है उन्हे स्टॉक्स मैं इन्वेस्ट करती है ओर जो भी प्रॉफ़िट होता है बो सब मैं बाँट दिया जाता है जिसने जिसने इन्वेस्ट करे थे तो आसान भाषा मैं इसे ही म्यूचूअल फंड कहा जाता है |
तो दोस्तों जैसा की अभी हमने म्यूचूअल फंड को आसान भाषा मैं समझा आइए उसी तरह इंडेक्स फंड को भी समझ लेते है की आखिर इंडेक्स फंड क्या होता है |
index fund क्या होता है ?
तो दोस्तों इंडेक्स फंड भी सैम म्यूचूअल फंड की ही तरह होता है की बोहोत सारे लोग मिलकर एक म्यूचूअल फंड कॉम्पनी को अपना पैसा देते है पर यहाँ पर म्यूचूअल फंड कॉम्पनी कोई फंड मैनेजर को या फिर कोई एक्सपर्ट टीम को नहीं बैठाती है बो सीधा सीधा पैसा इंडेक्स मैं पैसा लगती है index जैसे की आपका nifty,sensex इन मैं सीधा सीधा पैसा इन्वेस्ट करती है | सेंसेक्स एक 30 सबसे बड़ी कॉम्पनी का एक ग्रुप होता है ओर निफ्टी भारत की टॉप 50 कॉम्पनियों का एक ग्रुप या कहो तो बास्केट होता है|
ETF INVESTING क्या होती है ?
तो दोस्तों चलिए अभी समझते है etf को etf मतलब की exchange traded fund होता है इस मैं कई तरह की सेक्यूरिटीस जैसे की शेयर गोल्ड बॉंडस शामिल होते है, etf की कीमत दोस्तों उस मैं शामिल सेक्यूरिटीस से होती है ओर हाँ दोस्तों एक इन्वेस्टर कम से कम 1 यूनिट मैं इन्वेस्ट कर सकता है देश मैं कुछ पोपुलर है जैसे की Nifty 50 etf,लिक्विड et, gold,etf ओर इस मैं इंटरनेशनल etf भी शामिल है|
Index Etf
तो दोस्तों इंडेक्स ETF में निफ्टी या सेंसेक्स जैसे इंडेक्स होते हैं और उनकी कीमत में होने वाला उतार-चढ़ाव उसके इम्प्लिसिट इंडेक्स में होने वाले उतार-चढ़ाव के समान होता है। उदाहरण के लिए एक बैंकिंग ETF, एक बैंकिंग इंडेक्स के अनुसार काम करता है और उसकी कीमत उस बैंकिंग इंडेक्स में होने वाले उतार-चढ़ाव के अनुसार कम ओर ज्यादा होगी |
बॉन्ड ETF
एक बॉन्ड ETF के पैसे को उन बॉन्ड्स में इन्वेस्ट किए जाते हैं, जो उसके इम्प्लिसिट इंडेक्स के कॉमपोनेन्टस से जुड़े होते हैं। यह एक ऐसा बॉन्ड ETF हो सकता है, जो किसी खास मैच्योरिटी होराइजन पर बेस्ड हो जैसे- शॉर्ट टर्म, लॉन्ग टर्म हो सकता है। भारत बॉन्ड ETF एक निर्धारित मेच्योरिटी पीरियड के साथ इस कैटेगरी के अंदर आता है।
गोल्ड ETF
तो दोस्तों गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिए इन्वेस्टर अनलाइन से सोना खरीद/बेच सकते हैं और आर्बिटेज गेन (एक मार्केट से खरीदकर दूसरे मार्केट में बेचने पर प्रॉफ़िट ले सकते हैं। भारत में गोल्ड ईटीएफ 2007 से चल रहे हैं और एनएसई और बीएसई में रेगुलेटेड इंस्ट्रूमेंट्स हैं। गोल्ड ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में पर एक ग्राम के यूनिट साइज़ में ट्रेड किए जाते हैं। इसकी कीमत में होने वाला बदलाव मार्केट में फिजिकल गोल्ड की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव से जुड़ा हुआ होता है अगर फिजिकल गोल्ड का प्राइस बढ़ेगा तो इसका भी बढ़ेगा ओर अगर फिजिकल गोल्ड का प्राइस घटता है तो इसका भी घटेगा|
करन्सी ETF
करेंसी ETF करन्सी एक्सचेंज व्यापार वाले फंड निवेशक को एक स्पिसिफिक करन्सी खरीदे बिना करन्सी बाजारों में भाग लेने की अनुमति देते हैं। यह अकेली करन्सी में या करन्सी के पूल में इन्वेस्ट किया जाता है। इस इन्वेस्ट के पीछे एक करन्सी या करन्सी की एक टोकरी के प्राइस को मूवमेंट को को ट्रैक करना है।
ETF मैं इन्वेस्ट करने के क्या क्या फायदे है ?
तो दोस्तों चलिए अभी समझते हैं कि और ईटीएफ के क्या-क्या फायदे हैं।
शेरों की तरह एट की खरीद में भी परचेसिंग होने से कीमतों पर नजर रखी जा सकती है।
और दोस्तों ऐप हर रोज आपको निवेश की जानकारी देते हैं जिसमें इसमें निवेश करना काफी ट्रांसपेरेंसी होता है।
और दोस्तों ईटीएफ को बहुत आसानी से बेचा जा सकता है।
और दोस्तों ऐप में इन्वेस्ट करके आप अलग-अलग सेक्टर में भी निवेश कर सकते हैं।
और दोस्तों एट का सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि इसमें डिपेंडेंट पर कोई भी इनकम टैक्स नहीं लगता है।
और दोस्तों एट के लिए फंड मैनेजर होते हैं जिससे कि इन्वेस्टर को शेयर को खरीदना बेच देना नहीं पड़ता है।
एट में एक्सपेंस रेशों भी म्युचुअल फंड की स्कीम ओके मुकाबले बहुत कम होता है इसमें एक्सपेंस रेशों 0.5 से लेकर एक परसेंट के बीच में होता है।
और साथ ही में दोस्तों इसमें म्युचुअल फंड स्कीम की तरह आपको एग्जिट लोड भी नहीं देना पड़ता है।
इट्स से जुड़ी कुछ खास बातें
एट के पोर्टफोलियो में कई तरह की सिक्योरिटीज होती है इनका रिटर्न इंडेक्स जैसा ही होता है जो की शेयर बाजार पर लिस्ट होते हैं वहां इन्हें खरीदा और बचा जा सकता है यानी कि एट का रिटर्न और रिस्क बीएसई सेंसेक्स से जैसे इंडेक्स या सोने जैसे एक्सेंट से उतार और चढ़ाव पर निर्भर करता है।
और दोस्तों एट के प्राइस वास्तविक समय में यानी कि असल टाइम में पता चल जाते हैं मतलब की लेने के समय ही इनके प्राइसों का पता चल जाता है जबकि म्युचुअल फंड के और आव के साथ यह नहीं होता है नाव का कैलकुलेशन दिन के अंत में होता है एट पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने का इकोनॉमिकल और इफेक्टिव ऑप्शन हो सकता है यही कारण है कि यह तमाम सेक्टर देश और एसिड क्लास को कवर करता है।
एट की सबसे बड़ी खूबी क्या है
तो दोस्तों वीडियो की सबसे बड़ी खूबी है उसका लिक्विडिटी होना शेयर बाजार में ट्रेडिंग के चलते समय इसे खरीदना और बेचना काफी आसान है। इसमें इन्वेस्ट के लिए आपको म्युचुअल फंड के डिस्ट्रीब्यूटर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती है म्युचुअल फंड की आम स्कीमों में आप अपनी यूनिट बचने के लिए भी आपको म्युचुअल फंड कंपनी के पास जाना पड़ता है शेयर बाजार में खरीद होने से इनकी कीमत असली समय में होती है रियल टाइम कीमत होती है। इसके जारी आप खरीद बेच कर सकते हैं यह बात म्युचुअल फंड स्कीम में लागू नहीं होती आई है |
तो आशा करता हूँ दोस्तों आपको आज के आर्टिकल से काफी जानकारी मिली होगी अगर आपको जानकारी पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ भी इसे शेयर करें ताकि बह भी इस जानकारी का लाभ ले पाए |