Crypto Market Update: दो दिन में 15000000000000 करोड़ रुपये डूबे

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में दिवाली से ठीक पहले जबरदस्त झटका लगा है। दो दिन में ही करीब 15000000000000 करोड़ रुपये की भारी गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों में घबराहट फैल गई है। बिटकॉइन से लेकर एथेरियम और कई बड़ी करेंसी में तेज गिरावट दर्ज की गई है। कई लोगों की सालों की कमाई कुछ ही घंटों में खत्म हो गई। क्रिप्टो मार्केट में आई इस हलचल ने सभी को हैरान कर दिया है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में मार्केट लगातार ऊपर जा रहा था और लोगों में एक बार फिर भरोसा बढ़ रहा था। लेकिन अब अचानक आई इस गिरावट ने एक बार फिर याद दिला दिया है कि क्रिप्टो मार्केट जितना मौका देती है, उतना ही रिस्क भी साथ लेकर आती है।

बिटकॉइन और दूसरी करेंसी में जबरदस्त गिरावट

इस बार क्रिप्टो मार्केट में जो गिरावट आई है, उसका सबसे बड़ा असर बिटकॉइन पर देखने को मिला। बिटकॉइन की कीमत कुछ ही घंटों में कई हजार डॉलर नीचे आ गई। एथेरियम में भी भारी गिरावट दर्ज हुई। कई ऑल्टकॉइन्स जिनमें लोग बड़े पैमाने पर इन्वेस्ट कर रहे थे, उन्होंने तो रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक दिन में 30 से 40 प्रतिशत तक की गिरावट दिखाई। एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स पर सेलिंग का प्रेशर इतना बढ़ गया कि कई जगह ट्रांजैक्शन में देरी और रुकावट तक देखने को मिली। ये गिरावट सिर्फ एक करेंसी तक सीमित नहीं थी बल्कि पूरे ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट में इसका असर दिखा।

निवेशकों में मचा हड़कंप

क्रिप्टो मार्केट की गिरावट का सबसे ज्यादा असर खुदरा निवेशकों पर पड़ा। लाखों लोगों ने अपनी सेविंग्स क्रिप्टो में इन्वेस्ट की हुई थी इस उम्मीद में कि प्रॉफिट मिलेगा। लेकिन दो दिन में ही कई लोगों को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा। सोशल मीडिया पर ऐसे हजारों लोग सामने आए जिन्होंने बताया कि उन्होंने कुछ ही घंटों में अपनी पूरी इन्वेस्टमेंट खो दी। कुछ ने लोन लेकर ट्रेडिंग की थी, जिन पर अब कर्ज चुकाने का दबाव है। एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि यह घटना एक बार फिर लोगों को यह समझने का मौका देती है कि क्रिप्टो मार्केट में बिना समझे और रिस्क समझे पैसे लगाना कितना खतरनाक हो सकता है।

क्रैश के पीछे के कारण

मार्केट में इतनी बड़ी गिरावट के पीछे कई वजहें मानी जा रही हैं। सबसे बड़ा कारण ग्लोबल लेवल पर बढ़ते ब्याज दरों का दबाव और अमेरिका में क्रिप्टो रेगुलेशन को लेकर फैली अनिश्चितता को माना जा रहा है। साथ ही कुछ बड़े निवेशकों ने एक साथ अपने होल्डिंग्स बेच दिए जिससे मार्केट में पैनिक सेलिंग शुरू हो गई। इसके अलावा कुछ बड़े एक्सचेंजों पर टेक्निकल गड़बड़ी और लीवरेज पोजीशन के साफ होने से भी कीमतों में गिरावट तेज हो गई। ये सब घटनाएं मिलकर एक झटके में मार्केट को नीचे ले आईं।

डॉमिनो इफेक्ट और ग्लोबल असर

क्रिप्टो मार्केट में जब इस तरह की बड़ी गिरावट होती है तो इसका असर डॉमिनो इफेक्ट की तरह फैलता है। कुछ बड़े निवेशकों द्वारा की गई सेलिंग दूसरे निवेशकों में डर फैला देती है और फिर वो भी जल्दी-जल्दी अपनी पोजीशन बंद करने लगते हैं। यही कारण है कि दो दिन में इतना बड़ा नुकसान हुआ। ग्लोबल मार्केट पर भी इसका असर पड़ा। अमेरिका से लेकर यूरोप और एशिया तक के क्रिप्टो एक्सचेंजों पर भारी प्रेशर देखा गया। Crypto Market Update: दो दिन में 15000000000000 करोड़ रुपये डूबे

निवेशकों के लिए बड़ा सबक

इस क्रैश ने निवेशकों को एक बड़ा सबक दिया है। क्रिप्टो में इन्वेस्टमेंट करते समय सिर्फ प्रॉफिट देखने की बजाय रिस्क को भी समझना उतना ही जरूरी है। कई लोग बिना किसी सही गाइडेंस और रिस्क मैनेजमेंट के बड़ी रकम झोंक देते हैं, जिससे ऐसे हालात में वो सब कुछ खो बैठते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन्वेस्टमेंट करते समय लिमिट तय करनी चाहिए, स्टॉप लॉस लगाना चाहिए और कभी भी उधार लेकर क्रिप्टो में पैसा नहीं लगाना चाहिए।

मार्केट का भविष्य क्या हो सकता है

अब बड़ा सवाल यह है कि क्रिप्टो मार्केट इस झटके से कैसे उबरेगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि फिलहाल मार्केट में कुछ हफ्तों तक अस्थिरता बनी रह सकती है। लेकिन जिन निवेशकों का नजरिया लंबा है, उनके लिए यह एक मौका भी हो सकता है। कई बार ऐसे क्रैश के बाद मार्केट धीरे-धीरे रिकवरी करता है और जो लोग पैनिक में न बेचकर ठहर जाते हैं, वो बाद में फायदा कमाते हैं। हालांकि, यह भी तय है कि अगले कुछ महीनों तक मार्केट में पहले जैसा भरोसा वापस आने में समय लग सकता है।

सरकारी नजर और रेगुलेशन की भूमिका

भारत सहित कई देशों की सरकारें अब क्रिप्टो मार्केट पर ज्यादा सख्त नजर रख रही हैं। भारत में भी इस क्रैश के बाद चर्चा तेज हो गई है कि क्या सरकार को इस सेक्टर पर और रेगुलेशन लाना चाहिए। पहले भी कई बार सरकार ने चेतावनी दी थी कि क्रिप्टो में इन्वेस्टमेंट में बहुत रिस्क है। इस क्रैश के बाद रेगुलेशन को लेकर कदम और तेज हो सकते हैं ताकि आम निवेशकों की सुरक्षा की जा सके।

एक्सपर्ट्स की राय

क्रिप्टो मार्केट के एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब मार्केट इस तरह टूटा है। पहले भी कई बार बिटकॉइन और दूसरी करेंसी में बड़ी गिरावट आई और फिर धीरे-धीरे मार्केट ने वापसी की। इसलिए घबराने की बजाय समझदारी से काम लेना जरूरी है। लेकिन साथ ही एक्सपर्ट्स ये भी कहते हैं कि अब समय आ गया है जब सरकारों और रेगुलेटर्स को इस मार्केट में पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए।

निष्कर्ष

दिवाली से पहले क्रिप्टो मार्केट में आया ये बड़ा झटका निवेशकों के लिए एक बड़ा अलार्म है। दो दिन में ही 15000000000000 करोड़ रुपये का नुकसान कोई छोटी बात नहीं है। इस क्रैश ने दिखा दिया है कि क्रिप्टो मार्केट जितनी तेजी से ऊपर जाता है, उतनी ही तेजी से नीचे भी आ सकता है। ऐसे में निवेशकों को अब ज्यादा जिम्मेदारी से फैसले लेने की जरूरत है। बिना प्लानिंग और रिस्क मैनेजमेंट के किया गया इन्वेस्टमेंट भारी नुकसान में बदल सकता है। वहीं सरकारों के लिए भी यह समय है कि वह इस सेक्टर में जरूरी रेगुलेशन लाकर निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। क्रिप्टो मार्केट का भविष्य अनिश्चित जरूर है, लेकिन सही रणनीति और जागरूकता से इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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