
भारत में निवेश को लेकर बढ़ता अमेरिकी कंपनियों का भरोसा

पिछले कुछ सालों में भारत दुनिया के सबसे बड़े निवेश केंद्रों में से एक बनकर उभरा है और इसी वजह से अब बड़ी अमेरिकी टेक कंपनियां भी यहां अपनी मौजूदगी को और मजबूत करने में जुटी हैं। गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियों ने साफ कर दिया है कि वो भारत में निवेश के फैसले से पीछे नहीं हटेंगी। दरअसल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कंपनियों को घरेलू निवेश पर जोर देने की सलाह दी थी, लेकिन इन कंपनियों ने इसे मानने से इनकार कर दिया। उनका मानना है कि भारत में मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और यहां की युवा आबादी, डिजिटल ग्रोथ और सरकार की नीतियां निवेश के लिए बेहतरीन माहौल दे रही हैं।
भारत में बढ़ते डिजिटल मार्केट ने बदला समीकरण

भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है, जो दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला डिजिटल मार्केट माना जाता है। गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां जानती हैं कि अगर भविष्य में अपनी पकड़ मजबूत करनी है तो भारत जैसे बड़े बाजार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भारत में मोबाइल इंटरनेट की आसान उपलब्धता और सस्ते डेटा प्लान ने लोगों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा है। यही वजह है कि इन कंपनियों ने ट्रंप की अपील को दरकिनार कर भारत में निवेश जारी रखने का फैसला किया। उनका मानना है कि भारत में टेक्नोलॉजी सेक्टर का भविष्य बेहद उज्जवल है और यहां से बड़े स्तर पर प्रॉफिट हासिल किया जा सकता है।
सरकारी नीतियों ने बढ़ाया निवेशकों का भरोसा

भारत सरकार ने हाल के सालों में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। आसान नियम, टेक्नोलॉजी सेक्टर में ओपन पॉलिसी और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं ने विदेशी कंपनियों के लिए एक भरोसेमंद माहौल तैयार किया है। गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने इसी स्थिर माहौल को देखते हुए भारत में अपना निवेश बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार भी इस दिशा में कंपनियों को जरूरी मदद और सुविधाएं दे रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा विदेशी कंपनियां भारत में आकर अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकें।
अमेरिका की घरेलू नीति पर कंपनियों ने दिखाई सख्ती

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में कंपनियों को घरेलू निवेश बढ़ाने और विदेशी बाजारों में कम निवेश करने की बात कही थी, लेकिन बड़ी टेक कंपनियों ने इसे अपनी रणनीति के खिलाफ माना। उनका कहना है कि बिजनेस फैसले राजनीति से नहीं बल्कि मार्केट की स्थिति से तय होते हैं। भारत आज एक ऐसा देश है जहां आने वाले वर्षों में टेक्नोलॉजी और डिजिटल सर्विसेज की डिमांड कई गुना बढ़ेगी। ऐसे में भारत में निवेश रोकना किसी भी बड़ी कंपनी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने ट्रंप की बात को नजरअंदाज करते हुए भारत को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया। भारत में निवेश पर अड़ी अमेरिकी कंपनियां गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने ट्रंप को दिखाया ठेंगा
भारत में रोजगार और विकास के नए अवसर

इन बड़े निवेशों से भारत में रोजगार के नए मौके भी खुल रहे हैं। गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां यहां नए ऑफिस खोल रही हैं और भारतीय युवाओं को नौकरियां दे रही हैं। इससे न सिर्फ टेक सेक्टर मजबूत होगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। साथ ही, भारतीय युवाओं को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर काम करने का अनुभव भी मिलेगा जिससे देश की तकनीकी क्षमता और बढ़ेगी। यह कदम सिर्फ कंपनियों के लिए ही नहीं बल्कि भारत के लिए भी एक बड़ा मौका है।
निष्कर्ष
गूगल और माइक्रोसॉफ्ट द्वारा ट्रंप की अपील को ठुकराना ये दिखाता है कि भारत अब वैश्विक निवेश के लिए एक मजबूत और भरोसेमंद केंद्र बन चुका है। डिजिटल ग्रोथ, सरकारी नीतियां और बढ़ता उपभोक्ता बाजार इन कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित कर रहा है। यह कदम न सिर्फ भारत के तकनीकी सेक्टर को और मजबूत बनाएगा बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार और विकास के नए रास्ते भी खोलेगा। आने वाले समय में भारत में विदेशी कंपनियों का यह निवेश और भी तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।