अभिषेक शर्मा को विदेशी लग्ज़री कार मिली, लेकिन भारत में क्यों नहीं चला पाएँगे

हाल ही में भारतीय क्रिकेटर अभिषेक शर्मा को एक विदेशी लग्ज़री कार गिफ्ट में मिली है, जिसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर इस कार की तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं, और फैन्स इस बात से काफी एक्साइटेड हैं कि उनके फेवरेट प्लेयर को इतनी शानदार गाड़ी मिली है। लेकिन इस खुशी के बीच एक बड़ा सवाल सामने आया है आखिर अभिषेक शर्मा इस लग्ज़री कार को भारत में क्यों नहीं चला पाएंगे? इस पूरे मामले के पीछे कुछ ऐसे रूल्स और रियलिटी जुड़ी हैं जो आम लोगों के लिए जानना काफी दिलचस्प है।

लग्ज़री कार की डिटेल और इसकी कीमत

अभिषेक शर्मा को जो कार मिली है, वो किसी साधारण कार की तरह नहीं है। यह एक हाई-एंड लग्ज़री कार है, जो अपने परफॉर्मेंस, डिज़ाइन और प्रीमियम फीचर्स के लिए दुनियाभर में जानी जाती है। इस कार की कीमत लगभग 2 से 3 करोड़ रुपए के बीच बताई जा रही है। इस मॉडल को खास तौर पर इंटरनेशनल मार्केट के लिए डिजाइन किया गया है, यानी इसका इंजन, एक्सहॉस्ट सिस्टम और सेफ्टी फीचर्स सब कुछ उस देश के स्टैंडर्ड्स के हिसाब से बनाए गए हैं जहाँ इसे बेचा जाता है। ये कार आमतौर पर इंडिया में ऑफिशियल रूप से सेल में नहीं होती, इसलिए इसका इम्पोर्ट प्रोसेस और रजिस्ट्रेशन काफी कॉम्प्लिकेटेड हो जाता है।

भारत में कार चलाने के लिए जरूरी नियम

अब बात करते हैं उस असली वजह की कि क्यों अभिषेक शर्मा इस लग्ज़री कार को भारत में नहीं चला पाएंगे। भारत में किसी भी विदेशी कार को चलाने के लिए उसे हॉमोलोगेशन सर्टिफिकेट और भारत स्टेज (BS) एमिशन नॉर्म्स को फॉलो करना जरूरी होता है। इसका मतलब यह है कि कार का इंजन और उसका फ्यूल सिस्टम भारतीय एनवायरनमेंट और फ्यूल क्वालिटी के हिसाब से होना चाहिए। अगर यह शर्तें पूरी नहीं होतीं तो उस कार को न तो इंडियन रोड पर रजिस्टर किया जा सकता है और न ही कानूनी रूप से चलाया जा सकता है। इसके अलावा, विदेशी कारों पर इम्पोर्ट ड्यूटी 100% से ज्यादा होती है, यानी अगर कार 2 करोड़ की है, तो इंडिया लाने पर उसकी कीमत लगभग 4 करोड़ या उससे भी ज्यादा पड़ जाती है। अभिषेक शर्मा को विदेशी लग्ज़री कार मिली, लेकिन भारत में क्यों नहीं चला पाएँगे

इम्पोर्ट ड्यूटी और टैक्स की भारी कीमत

इंडिया में लग्ज़री कार को इम्पोर्ट करना अपने आप में एक महंगा सौदा है। गवर्नमेंट विदेशी गाड़ियों पर बहुत ज्यादा टैक्स लगाती है ताकि लोकल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को प्रोटेक्ट किया जा सके। यही वजह है कि विदेशी कार लाने पर उसकी बेस प्राइस के ऊपर 100% से 150% तक ड्यूटी लगती है। साथ ही, अगर कार लेफ्ट-हैंड ड्राइव (Left-Hand Drive) है तो उसे इंडिया में चलाने की परमिशन बिल्कुल नहीं मिलती क्योंकि यहाँ सारे वाहन राइट-हैंड ड्राइव होते हैं। इसलिए अगर अभिषेक शर्मा की कार लेफ्ट-हैंड ड्राइव वर्ज़न है, तो वो उसे सिर्फ शोपीस की तरह रख सकते हैं, लेकिन चला नहीं पाएंगे।

कार का भारत में उपयोग कैसे हो सकता है

अगर कोई खिलाड़ी या सेलेब्रिटी किसी विदेशी देश से गिफ्ट में कार प्राप्त करता है, तो उसके पास कुछ लिमिटेड ऑप्शन होते हैं। पहला यह कि वो कार को अपने गैराज में शोकेस के तौर पर रख सकता है, यानी सिर्फ एक्सक्लूसिव कलेक्शन के रूप में। दूसरा तरीका यह है कि वह कार को किसी प्राइवेट प्रॉपर्टी जैसे फार्महाउस या प्राइवेट ट्रैक पर चला सकता है जहाँ पब्लिक रोड रूल्स लागू नहीं होते। लेकिन उसे पब्लिक रोड पर निकालने के लिए RTO से रजिस्ट्रेशन, एमिशन सर्टिफिकेट और टैक्स क्लियरेंस लेना जरूरी होता है, जो ऐसे मामलों में बहुत मुश्किल हो जाता है।

ऐसे कई सेलेब्रिटीज के साथ पहले भी हुआ है

अभिषेक शर्मा पहले ऐसे भारतीय नहीं हैं जिन्हें ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले भी कई बड़े क्रिकेटर्स और बॉलीवुड स्टार्स के साथ ऐसा हो चुका है। उदाहरण के तौर पर, युवराज सिंह, हार्दिक पांड्या और रणवीर सिंह जैसे सेलेब्रिटीज ने विदेशी ब्रांड्स की लग्ज़री कारें खरीदीं लेकिन उन्हें इंडिया में रजिस्टर कराने के लिए महीनों तक डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। कुछ मामलों में तो कार को सिर्फ शो-पीस के रूप में रखा गया क्योंकि रजिस्ट्रेशन और एमिशन नॉर्म्स पूरे नहीं हुए।

अभिषेक शर्मा के फैंस की रिएक्शन

जैसे ही ये खबर सामने आई कि अभिषेक शर्मा अपनी नई लग्ज़री कार को भारत में नहीं चला पाएंगे, फैन्स के बीच तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। कुछ लोगों ने मज़ाक में कहा कि “भाई गाड़ी तो आ गई लेकिन रोड पर नहीं दिखेगी।” वहीं कुछ फैंस ने कहा कि यह तो इंडिया के सिस्टम की वजह से हो रहा है जहाँ टैक्स और रूल्स बहुत जटिल हैं। लेकिन ज्यादातर लोगों ने इसे एक प्राउड मोमेंट की तरह लिया क्योंकि किसी यंग इंडियन क्रिकेटर को इतनी बड़ी लग्ज़री कार गिफ्ट में मिलना अपने आप में बड़ी बात है।

क्या इंडिया में ऐसे रूल्स बदल सकते हैं

भविष्य में भारत सरकार ऐसे मामलों को आसान बनाने की कोशिश कर सकती है, लेकिन फिलहाल ऐसे कोई संकेत नहीं हैं। सरकार का मानना है कि ज्यादा इम्पोर्ट्स से देश की ऑटो इंडस्ट्री पर असर पड़ता है, इसलिए टफ रूल्स बनाए गए हैं। हालांकि, अगर कोई कार स्पेशल एडिशन या लिमिटेड मॉडल हो तो कुछ मामलों में एक्सेप्शन दिया जाता है, लेकिन वो भी सिर्फ डिस्प्ले के लिए, ड्राइविंग के लिए नहीं।

अभिषेक शर्मा के लिए आगे क्या रास्ता है

अभिषेक शर्मा के पास दो ऑप्शन हैं – या तो वो इस लग्ज़री कार को इंडिया में एक शो-पीस की तरह रखें और अपने ब्रांड वैल्यू के लिए इस्तेमाल करें, या फिर इसे किसी ऐसे देश में ट्रांसफर करवाएं जहाँ ये गाड़ी अलाउड है। कई बार खिलाड़ी अपने ऐसे गिफ्ट्स को इंटरनेशनल टूर्स पर साथ रखते हैं और वहीं इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इंडिया में इसे पब्लिक रोड पर चलाना लगभग नामुमकिन है जब तक कि वो सभी कानूनी प्रक्रियाएँ पूरी न कर लें।

निष्कर्ष

अभिषेक शर्मा की लग्ज़री कार की कहानी सिर्फ एक क्रिकेटर और उसकी नई गाड़ी की नहीं है, बल्कि यह इस बात का उदाहरण है कि इंडिया में लग्ज़री व्हीकल्स को इम्पोर्ट करना और चलाना कितना मुश्किल है। यह बात साफ है कि अगर किसी को विदेशी कार चाहिए, तो उसे सिर्फ पैसा नहीं बल्कि ढेर सारा पेशेंस और डॉक्यूमेंटेशन की समझ भी चाहिए। हालांकि, अभिषेक शर्मा के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है, जो उनके मेहनत, सफलता और ग्रोथ का प्रतीक है। भले ही वो इसे इंडिया में ना चला पाएं, लेकिन ये कार उनकी उपलब्धियों की एक चमकदार निशानी जरूर बनी रहेगी।

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